कौन थे सेंटा क्लोज़:
Know who was Santa Claus?
सांता क्लास एक ऐसा नाम जो हम बचपन से ही सुनते आए हैं हमारे बड़ों के मुंह से हम यही सुना करते थे की सेंटा क्लोज हमारे लिए गिफ्ट लेकर आएंगे कुछ बच्चों को तो गिफ्ट मिला भी करते थे क्योंकि उनके माता पिता ही सेंटा क्लास बनकर उन्हें गिफ्ट दे दिया करते थे और उन्हें लगता था की गिफ्ट सेंटर क्लोज लेकर आया है हर साल गिफ्ट की उम्मीद में हम क्रिसमस पर करते हैं लेकिन हम में से ज्यादातर लोगों को नहीं पता की आखिर सेंटा क्लोज कौन है
कौन है असली सांता और क्या है असली सेंटा क्रिसमस से एक लंबा इतिहास और कई कहानियां जुड़ी हैं सेंटा क्लोज़ का असली नाम से “निकोलस या क्रिस ग्राइंडर’ के नाम से भी जाना जाता है यदि आज की बात की जाए तो सेंटा क्लास की एक ऐसी छवि है जो लाल सफेद कपड़ों में आता है और उसकी दाढ़ी और बाल लंबे और सफेद रंग के होते हैं बच्चों में बेहद लोकप्रिय है उन्हें वह बहुत प्यार करते हैं और प्यारे-प्यारे बच्चों के लिए वो एक बड़ा सा बैग लेकर आते हैं जिसमें गिफ्ट होते हैं लेकिन इसके पीछे भी एक इतिहास छिपा हुआ है कहा जाता है की सांता क्लोज़ नॉर्थ अमेरिका में रहते थे
लेकिन अब इसकी कोई पुष्टि नहीं कर सकता क्योंकि कुछ लोग कहते हैं की वह उत्तरी ध्रुव की ओर रहते हैं सेंटा क्लोज एक संत तो थे लेकिन उन्होंने शादी भी की थी जिस महिला से उन्होंने शादी की उसका नाम “जेशिका” था जिन्हें बाद में मिसेस क्लोज़ के नाम से भी जाना गया सांता क्लास को क्रिसमस फादर के नाम से भी जाना जाता है उनके माता पिता के नाम की कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है वैसे तो सांता क्लास का नाम ईसा मसीह जिनका जन्मदिन 25 दिसंबर को मानते हैं उनके साथ जोड़ कर लिया जाता है लेकिन यदि बाइबल में देखा जाए तो जीसस क्राइस्ट और सेंटा क्लास के बीच कोई संबंध नहीं था
इतिहास के पन्नों में ऐसा बताया गया है की सेंट निकोलस का जन्म तीसरी शताब्दी में हुआ था और जीसस का निधन , निकोलस से 280 साल पहले ही हो चुका था कहा जाता है की सेंट निकोलस अनाथ है उसके बाद उन्होंने बचपन से ही भगवान इशू में अपनी माता पिता को देखते हुए उनकी भक्ति करनी शुरू कर दी, वे बड़े हुए और ईसाई धर्म के पादरी बन गए और बाद में वे बिसाब बन गए उन्हें शुरू से ही लोगों की मदद करने का शौक था वह गरीबों और जरूरतमंद लोगों की खासतौर पर मदद किया करते थे वे हमेशा जरूरतमंद लोगों और बच्चों को गिफ्ट देना पसंद करते थे लेकिन यह सब वे अपनी पहचान बताएं बिना करते थे वे आधी रात में बाहर निकलते थे और बच्चों और जरूरतमंदों को उपहार दिया करते थे वे नहीं चाहते थे की उनकी पहचान कोई भी देखे या जाने इसलिए वो बच्चों के सोने के बाद ही घर से बाहर निकलते थे और उन्हें उपहार दिया करते थे यही कारण था की लोग अपने बच्चों को उसे समय जल्दी सुला दिया करते थे ऐसा इस उम्मीद में की कोई अंजान व्यक्ति आएगा और उनके बच्चों के लिए उपहार छोड़ जाएगा !
सेंट निकोलस की जीवन में ऐसी कई सारी कहानियां है जो बेहद चर्चित है एक ऐसी मशहूर कहानी एक गरीब व्यक्ति की है जिसकी तीन बेटियां थी वह व्यक्ति इतना ज्यादा गरीब था की अपनी बेटी को दो वक्त का भोजन भी नहीं दे सकता था ऐसे में वो अपनी बेटियों की शादी के लिए चिंतित था उसे दिन रात यह चिंता सताती रहती थी की वह अपनी बेटियों की शादी कैसे करें जबकि उसके पास तो खाने के लिए भी पैसे नहीं है फलस्वरूप वो अपनी बेटियों को नौकरी करने पर मजबूर था लेकिन बहुत मशक्कत के बाद भी उन्हें कोई नौकरी नहीं मिल रही थी जैसे ही ये बात सेंस निकोलस को पता चली तो वह आधी रात में उन लड़कियों के घर पहुंचे और उन्होंने उन लड़कियों की सुख रही jurabon में सोने के सिक्के भर दिए इसके बाद उसे व्यक्ति की गरीबी खत्म हो गई और उसने खुशी खुशी अपनी बेटियों की शादी भी की कहते हैं उसे दिन की घटना के बाद से ही क्रिसमस की रात बच्चे इस उम्मीद में मौजूद बाहर लटका कर आते हैं की सुबह उनमें उन्हें मनपसंद गिफ्ट देखने को मिलेंगे फ्रांस में चिमनी पर लाल रंग के जूते लटकाए जाने का रिवाज है जिसमें सेंटा आकर गिफ्ट डालते हैं यह रिवाज वर्षों से चला आ रहा है सेंटर क्लोज पर चलते हैं इसलिए फ्रांस के बच्चे तो रेनडियर के लिए जूते में गाजर भर कर भी रखते हैं सेंटर के प्रति विश्वास बच्चों के दिलों में आज भी कम नहीं हुआ है
ऐसा बताया जाता है की सेंट निकोलस का नाम जीसस और मदर मैरी के बाद सबसे ज्यादा अधिक सम्मान से लिया जाता है सेंट निकोलस की दरियादिली देखने के बाद सैन 1200 से ही फ्रांस में 6 दिसंबर को निकोलस दिवस के रूप में मनाया जाने लगा क्योंकि यही वो दिन था जिस दिन से निकोलस की मृत्यु हो गई थी 1773 में पहली बार अमेरिका में सेंटा क्लास के रूप में व्यक्ति मीडिया से रूबरू हुआ था और उसने खुद को सेंटा क्लोज बताया था उसके बाद 1930 में सेंटर का अस्तित्व सब लोगों के सामने आया और नामक के कलाकार ने सेंटा के रूप में कोका कोला की ऐड 35 वर्षों तक है उसने लाल सफेद कपड़ों में आकर कोका-कोला की ऐड की थी और सेंटा का यह नया अवतार लोगों को बहुत पसंद आया जिसे आज तक स्वीकार किया जाता है और उसी रूप में सेंटा को याद भी किया जाता है लेकिन असली सांडा यानी सेंट निकोलस को आज तक किसी ने नहीं देखा था और ना ही उनकी किसी ने पहचान की थी इसलिए सेंटर के इस नए रूप को देखकर ही उसे समय सब लोग सांता के होने का अनुमान लगाने लगे थे और खुश होकर नाचने गाने लगे, सेंटा क्लोज और क्रिसमस का संबंध धीरे-धीरे क्रिसमस और सेंटा का आपस में गहरा रिश्ता बनता चला गया और वे बच्चों के बीच मशहूर होते चले गए आज सेंटर सबके लिए गिफ्ट लेकर आएंगे इसी सोच के साथ क्रिसमस की रात बच्चे जल्दी सो जाते हैं आज भी कुछ किस कहानियों में ऐसा कहा जाता है की सेंटर अपनी वाइफ और बहुत सारे दोस्तों के साथ नॉर्थ पोल पर रहते हैं जहां उन्होंने बहुत बड़ी खिलौने की फैक्ट्री लगाई हुई है हर साल वहां पर बहुत सारे खिलौने बनाए जाते हैं जो क्रिसमस के दिन बच्चों में बांट दिए जाते हैं ऐसा कहा जाता है की सेंटा की इस फैक्ट्री में हजारों लोग काम करते हैं बच्चे सांता क्लोज़ के इतने ज्यादा दीवाने हैं की उन्हें क्रिसमस के दिन खत लिखकर भी भेजते हैं और बहुत सारे ऐसे पाते हैं जहां पर सेंटर के नाम से चिट्टियां भी भेजी जाती हैं जिमसे सबसे मुख्य पता फिनलैंड का कहा जाता है दुनिया भर से फिनलैंड के पते पर बहुत सारे खत पहुंचने लगते हैं जो सेंटर के नाम पर ही होते हैं और कहा जाता है की उनमें से बहुत सारे लोगों की विश भी पुरी होती है